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गूढ़ार्थ भजन मंजरी / Gudarth Bhajan Manjari

गूढ़ार्थ भजन मंजरी : स्वामी रामप्रकाशाचार्य जी महाराज 'वैष्णव' द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक - काव्य | Gudarth Bhajan Manjari : by Swami Ramprakashacharya Ji Maharaj 'Vaishnav' Hindi PDF Book - Poetry (Kavya)
पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name गूढ़ार्थ भजन मंजरी / Gudarth Bhajan Manjari
Author
Category, , , ,
Language
Pages 60
Quality Good
Size 18.5 MB
Download Status Available

गूढ़ार्थ भजन मंजरी  पीडीऍफ़ पुस्तक का संछिप्त विवरण : आप हरी सुख रूप सदा सत, पूरण चेतन एक अपारा। मैं निज दास सदा पद सेवक, तार
करो भव की भव धारा ॥ हूं अप खानि महामति मूरख, ना लप नेम न जानत यारा। पार करो अब आप सनातन,
“रामप्रकाश” अधार तुम्हारा ॥ ज्ञान अपार विचार अखण्डित, लाग रही घट एक हि धारा। सार निजानन्द पूरण

आतम, दूर किये भ्रम भेद विकारा.

Gudarth Bhajan Manjari PDF Pustak Ka Sankshipt Vivaran :
Short Description of Gudarth Bhajan Manjari Hindi PDF Book 

“मन जो स्नेह संजो सकता है उन में से सबसे पवित्र है किसी नौ वर्षीय का निश्छल प्रेम।” होलमैन डे
“The purest affection the heart can hold is the honest love of a nine-year-old.” Holman Day

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