हिंदू धर्म में दीपावली पांच दिवसीय पर्व माना जाता है। इस पर्व का आरंभ धनतेरस से होता है। पौराणिक मान्यताओं में धनतेरस के दिन खरीदारी को काफी शुभ माना जाता है। धनतेरस की दस्तक ही दीपावली के आगमन का सूचक है। अमूमन धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बने आभूषण और सिक्के खरीदने की सदियों पुरानी सनातन परंपरा है जो चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन बर्तन,सोना, चांदी और पीतल सहित कई अन्य सामान खरीदने से उसमें तेरह गुना वृद्धि होती है। यही वजह कि धनतेरस पर ज्यादातर घरों में लोग बर्तन, झाड़ू जैसे कई सामानों की खरीदारी करते हैं।
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का महत्व
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन जिन चीजों की खरीदारी की जाती है वह तेरह गुना और बढ़ जाती है। इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। घर में झाड़ू के पैर लग जाए तो इसे भी अशुभ माानते हैं। इसलिए घर में झाड़ू से घर साफ करने के बाद ऐसी जगह रखा जाता है जहां पैर नहीं लगे। क्योंकि झाड़ू का मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।