अपश्चिम तीर्थंकर महावीर | Apashchim Tirthankara Mahaveer
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | अपश्चिम तीर्थंकर महावीर | Apashchim Tirthankara Mahaveer |
Author | Unknown |
Category | धार्मिक / Religious, जैन / Jainism, Most Popular Books |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 256, 312 |
Quality | Good |
Size | 25 MB |
Download Status | Available |
अपश्चिम तीर्थंकर महावीर हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक का कुछ अंश : भारतीय संस्कृति की प्राणी करुणा से ओत-प्रोत जीवनधारा की अमल, अमर प्रवाह यात्रा का प्रतिनिधित्व करने वाली श्रमण संस्कृति में साधुमार्ग का विशिष्ट महत्त्व है| साधुमार्गी परम्परा ने गुण पूजा के पवित्र भावों से समाज को प्रभावित करते हुए उत्कृष्ट पथ का दिशा निर्देश किया है|जीवन व्यवहारों को आत्मसंयम से निर्देशित कर व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की उन्नति हेतु मानव मात्र को दिशा बोध प्रदान करने वाली श्रमण संस्कृति की प्रतिनिधि धारा साधुमार्ग में ज्योतिर्धर, क्रांतदर्शी, शांत-क्रांति और समताधारी के सूत्रधार, आचार्यों के ज्योतिरत्न मलिका में वर्तमान शासन नायक, जिनशासन प्रद्योतक, सिरिवाल प्रतिबोधक, “आचार्य प्रवर १००८ श्री रामलालजी महाराज सा.” अद्भुत प्रतिभा और मेधा के धनी तथा आदर्श संगठन कौशल के साकार रूप है…..
“निराशावादी व्यक्ति केवल बादलों के अंधकारमय हिस्से को देखता है, और उदास होता है; दार्शनिक व्यक्ति दोनों हिस्सों को देखता है, तथा अरुचि दिखाता है; जबकि आशावादी बादलों को बिलकुल ही नहीं देखता- वह तो उनसे भी ऊंची उड़ान भरता है।” ‐ लियोनार्ड लुइस लेविनसन
“A pessimist sees only the dark side of the clouds, and mopes; a philosopher sees both sides, and shrugs; an optimist doesn’t see the clouds at all – he’s walking on them.” ‐ Leonard Louis Levinson
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